राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने आज राजभवन परिसर में 'सांदीपनि ऑडिटोरियम' का उदघाटन करते हुए सांदीपनि आश्रम के बारे में विस्तार से बताया। राज्यपाल ने बताया कि वहाँ बिना भेदभाव के सबको समान शिक्षा मिलती थी। उस समय भारतीय शिक्षा प्रणाली पेपरलेस थी, श्रुति और स्मृति पर आधारित थी। भारतीय ज्ञान केन्द्रों को नष्ट करने के अनेक प्रयासों बाद भी उनका पुर्नलेखन होता रहा है। राज्यपाल ने कहा कि अभी भी प्राचीन पांडुलिपियां बड़ी संख्या में उपलब्ध हैं। उनके डिजिटलाइजेशन के प्रयास किए जाने चाहिए।
ऐसी शिक्षा प्रणाली का विकास हो, जो समग्र शिक्षा दे : राज्यपाल श्री टंडन